भोपाल (कौशल सिंह त्यागी ) :- राजधानी भोपाल में स्थित जिला हस्पताल जयप्रकाश चिकित्सालय में कोविड 19 अर्थात कोरोना के वार्ड का निर्माण कार्य विगत कुछ दिनों से चलरहा है और उक्त वार्ड में विद्युत के लगने वाले उपकरणों एवं उपयोग होने वाले लोड का अभी तक तो अता पता नहीं है सबसे बड़ी और देखने वाली बात तो यह है कि स्वास्थ्य विभाग के निर्माण शाखा का हाल ही कुछ इस तरह का है कि इनके द्वरा किये गये निर्माण कार्यों में कोई हादसा न हो फिर भी ये और न ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इससे सबक लेते हैं और हादसा होने पर गाली तो यहाँ पदस्थ डॉक्टर जो खाते हैं और जनता के आक्रोश का सामना भी इन्ही डॉक्टरों को ही करना पड़ता है कुछ समय पूर्व एसएनसीयू भवन का निर्माण कार्य स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कराया गया था इस भवन में बिजली के ओवरलोड होने के कारण आग लग गयी थी जिस कारण कई नोनिहलों का जीवन खतरे में आगया था जैसे तैसे कर के सभी नौनिहालों को सकुशल निकाल लिया गया था भगवान की असीम कृपा रही कोई बड़ा हादसा नहीं हुई नहीं तो कुछ भी हो सकता था इस सबके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग सबक नहीं लेता हर बार भगवान की कृपा नहीं होती और ये ले भी क्यों जनाक्रोश का इस निर्माण करने वालों को नहीं डॉक्टरों को जो सहना है फिर ये क्यों सुधरेंगे इन्होंने तो न सुधरने की कसम जो खा रखी है और मैं तो ये भी कहूंगा इनके यहाँ पदस्थ इलेक्ट्रिकल के उपयंत्री का वह पूरे भोपाल जिले में चलरहे समस्त कार्यों को विधिवत रूप से निरीक्षण कर लेते हैं हालांकि यह सम्भव नहीं है कि समस्त कार्यों पर प्रति सप्ताह दो विजिट भी हो पायें पर उपयंत्री की इस बात को तो मानना होगा पर इस बात से माना भी जासकता है कि इन उपयंत्री के द्वारा करायेगये गये कार्य की जाँच करने वाला कोई नहीं है यह इस बात से पुष्टि हो जाती है कि कोविड19 के वार्ड के पूर्ण होने के पश्चात भी इनको आज दिनांक तक यह नहीं पता कि उस वार्ड में कितने बिजली के उपकरण स्थापित होंगे और कितना लोड होगा क्या फिर कहीं कोविड19 फिर से एसएनसीयू तो नहीं बनने जा रहा है क्योंकि जिसने उस समय एसएनसीयू की लाइट चालू की थी उसी ने ही अब कोविड19 की टेस्टिंग कर दी यह क्या फिर से इतिहास तो नही दोहराया जा रहा है इसी सम्बन्ध को लेकर मेरे द्वारा समस्त लाइट चालू करने वाले से लेकर समस्त जबबदारों से बात की और उनसे जो सार निकल कर आया वह व्यक्त कर रहा हूँ पर इससे पहले यहाँ आपको यह भी बता दूं यह सुंदर नामक कर्मचारी जयप्रकाश हस्पताल में वार्ड बॉय के रूप में कार्यरत है और पूर्व में बिजली का कार्य करने के कारण करंट लगने से इनका चेहरा झुलस गया था इसके बाद भी इनको ही मजबूर कर लाइट को चालू कराया तो शरुवात इन्ही से मेरे द्वारा सबसे पहले इन्ही से पूछा और इन्होंने बताया कि 25 तारीख को मंत्री जी के आने की सम्भावना के कारण हेमन्त पटेरिया जी ने मिश्रा जी से दबाब बनवाया और इस कारण ही मेरे द्वारा कनेक्शन किया गया था पर इनके इस कथन पर मेरे द्वारा हेमन्त पटेरिया से पूछा तो उन्होंने उक्त समस्त कार्य को लोकनिर्माण विभाग पर यह कहते हुये टाल दिया की समस्त कार्य लोकनिर्माण विभाग करता है और जिस समय लाइट चालू करी गयी उस वक़्त मैं विभाग की वीडियो कॉन्फ्रेंस में था पर बात बात में यह जरूर कह गये उक्त कार्य विभाग के उपयंत्री के अनुसार मिश्रा जी ने करवाया है जब उपयंत्री चेतन शर्मा से की पहले तो वह भी लोकनिर्माण विभाग को कहते रहे पर बाद में उन्होंने कहा कि मिश्रा जी को लैटर लिखा था तो चालू की गई थी लाइट पर मिश्रा जी का नाम इनसे पूछा तो तीनों ने मिश्रा जी के नाम और पद को नहीं बताया इसका अर्थ क्या निकालें यह तो यही तीनों जाने चूंकि जब मिश्रा जी का नाम आया तो उत्स्कता बड़ी पर लोक निर्माण भी था तब मेरे द्वारा पंकज तिवारी उपयंत्री से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया की स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोविड19 के पैनल को चार्ज करने की बात की थी पर मेरे द्वारा पहले लोड बताने का कहा तो इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के किसी व्यक्ति ने मेरे से सम्पर्क नहीं किया बिना लोड जाने मेरे द्वारा लाइट चालू नहीं कि जासकती है यदि चालू भी करता तो ओवर लोड कर कारण दिक्कत हो सकती है अतः इस कारण मेरे द्वरा न तो समय दिया गया न ही चालू कराने का कोई प्रशन होता है यह जिला हस्पताल है एक मिनिट के लिये भी जब लाइट जाती है तो लोग परेशान हो जाते हैं स्वास्थ्य विभाग काम करता है तो उसमें मेरा कोई हस्यक्षेप नहीं होता है
इस सब के बाद मेरे द्वारा मिश्रा जी का पता लगाने की कोशिश की तो पता लगा पहले तो कोई नाम बताने को तैयार ही नहों हुआ बस इतना कहा जानकर क्या करोगे ये वो हैं जिन्होंने अलका परगनिया को हटवाकर ही दम लिया तबतक हस्पताल नहीं आये जब तक परगनिया जी का यहाँ से ट्रांसफर नहीं हुआ आते भी कैसे उनके कारण मिश्रा जी का साम्राज्य जो खत्म करदिया था नहीं तो मिश्रा जी दहसत इतनी फिरसे होगई है वही हैं सिविल सर्जन ओर वही जिला स्वास्थ्य अधिकारी भी स्वयं ही हैं चाहे कोई भी अधिकारी हो पर मिश्रा जी ही वह रसूखदार हैं जिनके बिना इस हस्पताल में पत्ता भी नही हिलता भले ही तूफान अजाये या आंधी अब तो भगवान भरोसे ही है कोविड19 का नबनिर्मित वार्ड